आज बियर तृतीया है.
हर साल यह पर्व जब सूर्य वृषभ राशि में रहता है जब गर्मी अपनी पूर्ण यौवन पर होती हैं।
तब हिंदी जेठ महीने के तृतीया को मनाया जाता है.
इसे "बियर तीज" भी कई जगह कहा जाता है।
इसका शुभ मुहूर्त आज संध्या 6 बजे से रात 12 बजे तक है.
इस दिन घर पर या दोस्तों की महफ़िल में बियर पीने पिलाने से साल भर बीबी से कचकच नही होती ।
जिसका कारण देर रात दारु पी कर घर पहुचना होता है.
जो जातक दारु नही पीते फिर भी पत्नी की रोज की चक चक से परेशान रहते है ।
उन्हें शुभ मुहूर्त में 9 बियर दोस्तों को पिला कर मात्र चखना चबाने से पूर्ण पुण्य मिलता है.
इस त्यौहार का विशेष टोटका :-
उपयोग में लाई गई बियर की खाली बोतल को गरीब बच्चों को दान देने से काम शक्ति अक्षुण्ण रहती है।
बियर पिलाने में जात धर्म का कोई बंधन नही रहता।
बियर तृतीया मनाने की विधि
1. संध्या काल स्नान आदि के बाद हलके वस्त्रो में एसी चला कर बैठें।
2. समयानुसार पृष्ठभूमि में "मुन्नी बदनाम हुई" जैसे भजन की सीडी लगा लें।
3. बियर सामग्री को फ्रिज से निकाल कर टेबिल पर सजा लें।
4. प्रसाद के लिए कुछ नमकीन, काजू (भुने हुए), दालमोठ इत्यादि का प्रबंध करें।
5. पूर्वी और दक्षिण भारत में फ्राई करी हुई मछली से भी प्रसाद चढ़ाया जाता है। कुछ न होने पर सदा पापड़ भून कर प्रसाद चढ़ाये।
6. बियर को ग्लास में निकाले, ध्यान रहे कि बियर के झाग टेबिल पर न गिरें। टेबिल पत्नी को साफ़ करनी है और आज के दिन पत्नी की अप्रसन्नता वर्जित है।
7. श्रद्धानुसार एक, दो, तीन बियर के ग्लास पीते जाएँ जब तक पत्नी का चेहरा लाल न हो जाये।
8. अंत में पत्नी को नमस्कार कर के घर से बाहर निकल जाएँ और खाना खा कर ही घर वापस आएं।
9. आज कल बियर तृतीय का पर्व सामूहिक रूप से दोस्तों के साथ भी मनाया जाता है।
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