अध्यापक," बाबर भारत मे कब आया?"
बंटी, "पता नही सर।"
अध्यापक, " बोर्ड पर नही देख सकते, नाम के साथ ही लिखा है।"
बंटी, मैने सोचा, शायद वह उसका फ़ोन नम्बर है।"
एक बहानेबाज कर्मचारी का दादा उस के दफ़तर में जा कर उस के बाँस से बोला, " इस दफ़तर मे सुनिल नाम का व्यक्ति कार्य करता है, मुझे उस से मिलना है, वह मेरा पोता है।"
बाँस ने मुस्करा कर कहा, " मुझे अफ़सोस है, आप देर से आए है, वह आप के आर्थी को कंधा देने के लिए छुट्टी लेकर जा चुका है।"
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