एक बार एक मुल्ला जी एक हकीम के पास अपने पैर का इलाज कराने गए
मुल्ला जी :- हकीम साहब ! मेरे पैर का रंग नीला पड गया ?
(हकीम ने पैर देखा) हकीम :- लगता है तुम्हारे पैर मेँ जहर फैल गया है काटना पड़ेगा
मुल्ला जी:- तो काट दो (हकीम ने एक पैर काटके नकली पैर लगा दिया,कुछ दिनो बाद मुल्ला जी दोबारा हकीम के पास गए)
मुल्ला जी:-हकीम साहब मेरा दुसरापैर भी नीला हो गया है
मुल्ला जी :- हकीम साहब ! मेरे पैर का रंग नीला पड गया ?
(हकीम ने पैर देखा) हकीम :- लगता है तुम्हारे पैर मेँ जहर फैल गया है काटना पड़ेगा
मुल्ला जी:- तो काट दो (हकीम ने एक पैर काटके नकली पैर लगा दिया,कुछ दिनो बाद मुल्ला जी दोबारा हकीम के पास गए)
मुल्ला जी:-हकीम साहब मेरा दुसरापैर भी नीला हो गया है
मुल्ला जी :- नहीं मुझे अभी जीना है मै मरना नहीं चाहता आप इसे भी काट दो
(हकीम ने दूसरा पैर भी काट दिया और नकली पैर लगा दिया, कुछ दिनोँ बाद मुल्ला जी फिर हकीम के पास पहुंचे )
मुल्ला जी :- हकीम साहब मेरी तो नकली पैर भी नीले हो गये .. . . .
हकीम :- अरे मुल्ला जी ... अब मुझे तुम्हारी बिमारी समझ मेँ आ गई , तुम्हारी लुँगी रंग छोडती है ....
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