Moral story naitik kahani
एक बार एक व्यक्ति ने..
एक नया मकान खरीदा..
उसमे फलों का बगीचा भी था..
...मगर पडोस के मकान पुराने थे और उन मे कई लोग रहते थे.
..कुछ दिन बाद उसने देखा कि पड़ोस के मकान से किसी ने बाल्टी भर कूडा उसके घर ...दरवाजे पर डाल दिया है..
.....
..शाम को उस व्यक्ति ने एक बाल्टी ली उसमे ताजे फल रखे ..
और उस घर के दरवाजे पर घंटी बजायी....
..उस घर के लोग बेचैन हो गये
और वो सोचने लगे कि वह उनसे सुबह की घटना के लिये लडने आया है..
..अतः वे पहले ही तैयार हो गये और बुरा भला बोलने लगे..
मगर जैसे ही उन्होने दरवाजा खोला....
.....वे हैरान हो गये...
रसीले ताजे फलों की भरी बाल्टी के साथ...
...मुस्कान चेहरे पर लिये नया पडोसी सामने खडा था...
.........सब हैरान थे....
....उसने कहा....जो मेरे पास था वही मैं आपके लिये ला सका...
.....
.....
...........सच है जिसके पास जो है वही वह दूसरे को .....दे सकता है...
..जरा सोचिये..
.कि मेरे पास दूसरों
के लिये क्या है..
.....
...........दाग तेरे दामन के धुले ना धुले
नेकी तेरी कही पर तुले ना तुले.....
मांग ले अपनी गलतियो की माफी खुद से.
क्या पता आँख कल ये खुले ना खुले.......
प्यार बांटो प्यार मिलेगा,
खुशी बांटो खुशी मिलेगी..
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