बंता (संता से)- संता यह चाकू क्यों उबाल रहे हो?
संता (बंता से)- आत्महत्या करने के लीए।
बंता- तो फीर उबालने की क्या जरूरत है?
संता- कहीं इंफेक्शन न हो जाए।
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पत्नी का ऊपरी होंठ फट गया। डॉक्टर ने टांके लगाने के 10 रुपये मांगे।पती ने 20 रुपये का नोट दीया और दोनों होंठों पर टांके लगाने को कहकर ऑपरेशन रूम से बाहर आ गया।
पीताजी (सोनू से)- तुम्हारा रीजल्ट फीर से खराब हुआ है तुम एकदम गधे हो।
सोनू (पिताजी से)- पर दादाजी तो मुझे कहते हैं तुम गधे के बच्चे हो।
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संता (बंता से)- आत्महत्या करने के लीए।
बंता- तो फीर उबालने की क्या जरूरत है?
संता- कहीं इंफेक्शन न हो जाए।
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पत्नी का ऊपरी होंठ फट गया। डॉक्टर ने टांके लगाने के 10 रुपये मांगे।पती ने 20 रुपये का नोट दीया और दोनों होंठों पर टांके लगाने को कहकर ऑपरेशन रूम से बाहर आ गया।
पीताजी (सोनू से)- तुम्हारा रीजल्ट फीर से खराब हुआ है तुम एकदम गधे हो।
सोनू (पिताजी से)- पर दादाजी तो मुझे कहते हैं तुम गधे के बच्चे हो।
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