Suhaagraat Kaise Manayein
सुहागरात.... !
मेरे दो ताऊ हैं, छोटे ताऊ के दो लड़के हैं, छोटा लड़का मुझसे चार साल बड़ा है पर बिल्कुल पतला सा और लम्बाई 6 फुट। ऐसा लगता है जैसे उसे एक थप्पड़ मार दिया तो वो सात दिन तक चारपाई से न उठे।खैर उन दोनों की शादी एक साथ हो गई। बड़ी भाभी तो उम्र और फिगर से बड़े भाई के लिए फिट थी पर छोटी छोटे से लम्बाई और उम्र दोनों में ही काफी छोटी थी। उसकी लम्बाई 5.3 और उम्र मुझसे भी कम, चूची और गाण्ड शरीर के हिसाब से मस्त थी।दिखने में बड़ी भाभी से सुन्दर और सेक्सी थी। उसको देखते ही मैंने उसे चोदने की सोच ली और उनकी पहली चुदाई देखने का इन्तजाम कर लिया। जिस कमरे में उनकी सुहाग रात मननी थी, उसके पीछे की तरफ खाली जगह थी और रोशनदान भी था। मैं वहाँ सीढ़ी लगाकर बैठ गया और वीडियो के लिए मोबाइल तैयार कर लिया।भाई कमरे में आकर टी वी देखने लगे।थोड़ी देर बाद भाभियाँ भाभी को गेट तक छोड़ गई। भाभी के हाथ में दूध का गिलास था और अन्दर आकर खड़ी हो गई। उन्होंने प्याजी रंग के लहँगा-चुन्ऩी पहने थे और घूंघट किया हुआ था।भाई बोले- यहाँ आ जाओ, वहाँ क्यों खड़ी हो ?
भाभी चुप खड़ी रही। भाई ने उठकर दरवाजा बन्द किया और भाभी का हाथ पकड़कर बेड के पास ले आए। भाभी ने हाथ बढ़ाकर गिलास भाई की तरफ बढ़ाया। भाई ने गिलास लेकर मेज पर रख दिया और भाभी का हाथ पकड़कर बेड पर खींचा। भाभी थोड़ा सम्भलकर बेड पर बैठ गई। भाई ने उनका घूंघट उठाया। भाभी का चेहरा शर्म और डर से नीचे झुका था। भाई ने चेहरा ऊपर किया तो मैं देखता ही रह गया।क्या लग रही थी ! कुछ मेकअप की लाली और शर्म की लाली उनकी सुन्दरता और बढ़ा रही थी।जैसा मैं सोच रहा था वैसा कुछ नहीं हुआ। भाई ने थोड़ी देर बात की और फ़िर चूमने लगे। भाभी का शरीर काँप रहा था। फिर भाई ने अपनी पैंट और अण्डरवीयर उतार दी। उनका लण्ड उनके जैसा ही पतला था, कोई 4-5 इन्च लम्बा।
भाभी चेहरा नीचे करके बैठी थी। भाई ने उनको अपनी तरफ खींचा और लहँगा उतारने लगे। भाभी मना कर रही थी पर उन्होंने नाड़ा खोलकर लहँगा उतार दिया।भाभी ने कुछ गुलाबी रंग की पैंटी पहनी थी जिसमें उनके मस्त चूतड़ साफ दिख रहे थे।भाई ने जल्दी ही पैंटी भी उतार दी और भाभी के पैर अपनी तरफ कर लिए। ना तो मुझे उनका चेहरा दिख रहा था और ना ही चूत के दर्शन हुए। भाभी धीरे धीरे कुछ बोल रही थी पर मुझे सुनाई नहीं दे रहा था।भाई पैरों के बीच बैठकर लण्ड चूत में डालने लगे। पर शायद अन्दर नहीं डाल पा रहे थे।भाभी कसमसा रही थी। भाभी ने हाथ चूत की तरफ बढ़ाया और लण्ड पकड़कर चूत पर लगा दिया। भाई ने धक्का मारा तो शायद लण्ड चूत में चला गया। भाभी के मुँह से हल्की सी चीख निकली। भाई ने 5-6 धक्के और मारे और भाभी के ऊपर लुढ़क गये।भाभी गाण्ड हिला रही थी पर भाई चुपचाप उठे और दूध पी कर सो गये।भाभी बैठी और चूत में उंगली डाल कर हिलाने लगी। कुछ देर बाद शान्त हो गई। भाभी ने उंगली निकाली और देखने लगी। उस पर खून लगा था।
यह सब देखकर मेरा लण्ड पैंट फाड़ने को तैयार हो गया। मन कर रहा था कि भाई को पीटूँ और भाभी को ढंग से चोदूँ पर मैंने सीढ़ी पर बैठ कर ही मुठ मार ली और वीर्य निकाल दिया। मैं मन ही भाई को गाली दे रहा था। कमीने ने सील तो तोड़ दी पर बेचारी की प्यास नहीं बुझाई।भाभी चुप बैठी कुछ सोच रही थी।मैं वहाँ से आकर लेट गया और भाभी को सोचकर एक बार फिर मुठ मारी और सो गया।दूसरे दिन मैं उनके घर गया। दोनों भाभियाँ बैठी थी, मैं उनसे मजाक करने लगा।मैं बोला- रात खूब मजे लिए ? बड़ी भाभी बोली- मजे वाली रात थी तो मौज भी ली ही जाएगी।मैं बोला- थोड़ी मौज हमें भी दे दो।छोटी भाभी बोली- आप भी शादी कर लो। तुम्हारी भी मौज आ जाएगी।
मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला- भाभी, तुम हो तो शादी की क्या जरूरत है। तुम ही दे दो। आधी घरवाली तो तुम भी लगती हो ? वो बोली- ना बाबा ना ! मुझे नहीं लेना देना कुछ।बड़ी भाभी खुलकर बोली- रेनू इनकी बातों पर मत जाना। जितनी इनकी उम्र है उससे ज्यादा लड़कियाँ चोदी है इन्होंने।मैं बोला- अरे भाभी, चोदना तो दूर अभी तक दर्शन भी नहीं किये।भाभी बोली- मुझे सब पता है तुम्हारे बारे में। तुम्हारा किससे चक्कर था और अब किस किस से है। तुम्हारे भाई ने सब बता रखा है।
"अच्छा ? "
"हाँ ! "
"मेरी छोड़ो, तुम बताओ रात कैसी बीती ? "
"देवरिया ! तुम्हारे भाई ने रात भर साँस नहीं लेनी दी। जो भी है मजा आ गया।"मैं बोला- रात गलती हो गई।
"क्या ? "
"तुम्हारी सुहाग रात देखनी चाहिए थी, रेनू भाभी की नहीं।"
छोटी भाभी बोली- क्या तुमने हमें देखा ?
"हाँ ! "
"तुम झूठ बोल रहे हो।"
"अच्छा तो तुम ही बताओ कि तुमने गुलाबी पैंटी पहनी थी या नहीं ? "
"आ अ ! " भाभी के मुँह से निकला और शर्म से मुँह नीचे कर लिया।
तभी बड़ी भाभी को भाई ने बुला लिया।
"भाभी, आज दिन मैं भी साँस नहीं लेने देंगे।"
भाभी हँसती हुई चली गई।
छोटी भाभी बोली- राज जी तुमने रात को सच में हमें देखा ?
"तो क्या मैं झूठ बोल रहा हूँ ? "
भाभी उदास सी हो गई और चुप बैठ गई।
मैं बोला- क्या तुम नाराज हो मेरे देखने से ? नहीं, देवर तो सभी के ऐसा करते हैं। उनकी आँखों में आँसू आ गये।मैंने उनका चेहरा ऊपर किया और आँसू पोछते हुए बोला- भाभी, मैं तुम्हारा दुख समझ सकता हूँ। मेरा रात ही मनकर रहा था कि तुम्हारे पास आ जाऊँ और तुम्हारी उंगली की जगह अपना डाल दूँ।भाभी मेरे कन्धे पर सिर रखकर रोने लगी।मैं उनका मूड बदलने के लिए बोला- अब तो बन जाओ आधी घरवाली।भाभी मुस्कुराने लगी।मैंने उनके आँसू पौंछे और गाल पर चुम्मा ले लिया।भाभी शरमा गई और बोली- बहुत चालाक हो ? तुम मेरी मजबूरी का फायदा उठाना चाहते हो।
"नहीं भाभी ! जब से तुम्हें देखा है तुम्हारा दीवाना बन गया हूँ।"
"झूठ बोल रहे हो ? "
"कसम से भाभी ! आई लव यू। क्या मैं तुम्हें पसन्द नहीं हूँ ? "
"ऐसी बात नहीं है पसन्द तो हो पर ! "
"पर क्या ? "
"कुछ नहीं।"
"भाभी बोलो न ? नहीं तो मैं मर जाऊँगा।"
भाभी ने मेरे होंटों पर उंगली रखी और बोली- चुप ! ऐसा नहीं बोलते।
"तो बोलो- यू लव मी ? "
"हाँ ! ठीक है, मैं तुम्हारी आधी नहीं पूरी घरवाली बनने को तैयार हूँ।"
मैं उनकी उगँली मुँह में लेकर चूसने लगा।
उन्होंने उंगली निकाली और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- राज जी, बताओ...
मैं बीच में बोला- राज जी, नहीं सिर्फ राज !
"ठीक है, पर तुम भी भाभी नहीं बोलोगे और मेरा नाम लोगे."
"नाम नहीं, मेरी जान हो तुम ! "
"ठीक है मेरे जानू, यह बताओ तुम्हें मुझमें क्या अच्छा लगता है ? "
"ऐसी कोई चीज ही नहीं जो अच्छी न लगती हो ! "
भाभी बोली- सबसे अच्छा क्या लगता है ?
"तुम्हारे होंट ! " कहकर मैं चुम्बन करने लगा।
"ओ हो ! अभी नहीं ! कोई आ जाएगा ! " और मुझे अलग कर दिया।
"और बताओ ? "
"और तुम्हारी ये मोटी मोटी चूचियाँ जिन्हें देखते ही मेरा लण्ड सलामी देने लगता है ! " मैं चूचियाँ मसलते हुए बोला।
"तुम तो बहुत बेशर्म हो। मैं बोल रही हूँ ना कि कोई आ जायेगा।" उनकी आवाज में सेक्सी अन्दाज था।
मैं बोला- जानू, क्या करूँ, रुका ही नहीं जा रहा।
मेरा लण्ड खड़ा हो गया था जो पैंट से साफ दिख रहा था।
भाभी लण्ड पर हाथ रखते हुए बोली- जानू, अपने इससे कहो कि गुस्सा न करे और समय का इन्तजार करे।
"इन्तजार में तो मर जाऊँगा ! "
"फिर वही ? मरें तुम्हारे दुश्मन ! " और मेरे होंटों को चूम लिया।
फिर हम बैठकर बातें करने लगे।
वो बोली- कितनी लड़कियों के साथ किया है ?
"क्या किया है ? "
"इतने शरीफ मत बनो।"
"तो साफ साफ़ बोलो कि क्या पूछना है।"
"अरे जानू, मेरा मतलब है कितनी लड़कियाँ चोदी हैं अब तक ? "
"पाँच ! "
"पाँच ? "
"हाँ ! पर जान, तेरे जैसी नहीं मिली।"
"झूठ बोल रहे हो ! पाँच को चोद डाला और मेरी जैसी नहीं मिली ? "
"सच बोल रहा हूँ जानू ! "
"अब तो मिल गई ? "
"अभी कहाँ मिली है ? "
"बहुत शैतान हो ! " कहते हुए हँसने लगी।
मैं बोला- अभी देखा ही क्या है तुमने ? "
"तो देख लेंगे ! "
तभी भाई आ गये और बोले- क्या बात चल रही है भाभी-देवर में ?
मैं बोला- तुम्हारे बारे में ही चल रही है।
"क्या ? "
भाभी बता रही थी कि आपने रात इन्हें कितना सताया।
"अच्छा ? "
"हाँ ! "
"चलो, तुम मौज लो, मैं चलता हूँ ! " और मैं वहाँ से आ गया।
मैं बहुत खुश था और समय का इन्तजार करने लगा कि कब भाभी की चूत फाड़ने का मौका मिलेगा।
दो दिन भाभी के भाई उन्हें लेने आ गये। वो चली गई।
फिर हम उनको लेने गये तो छोटी भाभी बीमार थी इसलिए हम बड़ी भाभी को लेकर आ गये।
3-4 दिन बाद रेनू भाभी का फोन आया, बोली- कैसे हो जानू ?
"मैं तो ठीक हूँ पर तुम कैसे बीमार हो गई थी और अब कैसी हो ? "
"तुम दूर रहोगे तो बीमार ही रहूँगी ना ! "
"तो पास बुला लो ! "
"जानू आ जाओ, बहुत मनकर रहा है मिलने का।"
"मिलने का या कुछ करने का ? "
"चलो तुम भी ना ! "
"जान कब तक तड़पाओगी ? "
रेनू कुछ सोच कर बोली- जानू, तुम कल आ घर आ जाओ।
"क्यों ? "
"कल सारे घर वाले गंगा स्नान के लिए जा रहे हैं और परसों शाम तक आएँगे।"
"तो जान, अभी आ जाता हूँ।"
"ओ रुको ! अभी आ जाता हूँ ? " और हँसने लगी।
"तुम कल शाम को आना। ठीक है ? मैं फोन रखती हूँ।"
"ठीक है, लव यू जान ! "
"लव यू टू जानू ! "
"बाय ! "
अब मैं बस उस पल का इन्तजार कर रहा था कि कब रेनू के पास पहूँचूं और उसे पेलूँ।
मैं दूसरे दिन तैयार हुआ और गाड़ी लेकर निकल गया। मैं उसके गाँव से लगभग 15 कि. मी. दूर था तो रेनू का फोन आया।
"जानू कहाँ हो ? "
"जान 15-20 मिनट में पहुँच रहा हूँ।"
"जल्दी आ जाओ जानू, मैं इन्तज़ार कर रही हूँ।"
"ठीक है जान, थोड़ा और इन्तज़ार करो और तेल लगा कर रखो, मैं पहुँचता हूँ।"
मैं गाँव पहुँचा तो रेनू और अंकिता (रेनू के चाचा की लड़की, इससे मैं शादी में मिला था) के साथ बाहर ही मेरा इन्तजार कर रही थी। मैंने गाड़ी रोक ली। दोनों ने सिर झुकाकर नमस्ते की। रेनू पीले रंग और अंकिता आसमानी रंग का सूट सलवार पहने थीं। दोनों ही ऐसे लग रही जैसे आसमान से उतरी हों।
अंकिता की लम्बाई और चूचियाँ रेनू से ज्यादा थी और चेहरा लगभग एक जैसा ही।
तभी पीछे से आवाज आई- जीजू, कहाँ खो गये ?
"तुम्हारे ख़यालों में ! "
"जीजू सपने बाद में देखना, पहले घर तो चलो।"
हम घर पहुँच गये। रेनू ने दरवाजा खोला। हम अन्दर जाकर सोफा पर बैठ गये। रेनू रसोई में चली गई। अंकिता और मैं बात करने लगे। मन कर रहा था कि साली को पकड़ कर मसल डालूँ। फिर सोचा आज रेनू को चोद लेता हूँ फिर इसके बारे में सोचूँगा। साली कब तक बचेगी।
रेनू चाय लेकर आ गई। हमने चाय पी फिर अंकिता चली गई।
रेनू दरवाजा बन्द करके मेरे पास बैठ गई और बोली- खाने में क्या खाओगे।
"तुम्हें ! " और पकड़कर चूमने लगा।
"अरे जानू, बहुत ही बेशर्म और बेसब्र हो। मौका मिलते ही चिपक जाते हो।"
"और कितना सब्र करूँ जान ? अब नहीं रुका जाता और तुम हर बार रोक देती हो।"
"थोड़ा और सब्र करो जान, हमारे पास पूरी रात है। पहले तुम फ़्रेश हो लो, मैं खाना लगा देती हूँ।"
"ठीक है जानू, जैसी आपकी मर्जी ! " कहते हुए बाथरूम में चला गया।
मैं नहा धोकर आया जब तक रेनू ने खाना लगा दिया। रेनू बोली- जानू, मैं अपने हाथ से तुम्हें खाना खिलाऊँगी।
मैं बोला- ठीक है, खिलाओ।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे को खाना खिलाया। खाने के बाद रेनू बोली- जानू, तुम उस कमरे में आराम करो। मैं नहा कर आती हूँ।
मैं कमरे में जाकर बैठ गया।
लगभग एक घन्टे बाद आई। उसने वही कपड़े पहने थे जो सुहागरात वाले दिन पहने थे।
प्याजी कलर के लहँगा चोली और हाथ में दूध का गिलास।
मैं उसे देखकर समझ गया कि वो क्या चाहती है और अब तक मुझे क्यों रोकती रही।
मैं खड़ा हुआ और दरवाजा बन्द कर दिया। उसके हाथ से गिलास लिया और एक तरफ रख दिया। फिर उसे पैरों और कमर से पकड़कर बाँहों में उठाकर बेड पर लिटा दिया।
मैं उसके पास लेट गया।
आज रेनू कितनी सुन्दर लग रही थी। दिल कर रहा कि बस उसे देखता रहूँ। उसकी प्यारी मासूम सी आँखों में काजल और पतले से होंटों पर गुलाबी रंग की लिपस्टिक बहुत ही अच्छी लग रही थी।
मैंने उसकी नथ और कानों के झुमके उतार दिये। फिर मैं उसके पेट को सहलाने लगा। उसके चेहरे पर नशा सा छा रहा था जो उसकी सुन्दरता को और बढ़ा रहा था। मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा और धीरे धीरे दबाने लगा। रेनू के होंट काँपने लगे। मैं थोड़ा उसके ऊपर झुका और उसके होंटों पर होंट रख दिये। रेनू ने तिरछी होकर मेरा सिर पकड़ा और होंटों को चूसने लगी। उसने एक पैर मेरे पैर के ऊपर रख लिया जिससे उसका लहँगा घुटने से ऊपर आ गया। मैं हाथ लहँगा के अन्दर डालकर चूतड़ों को भींचने लगा जो एक दम कसे थे।
अब मेरा लण्ड पैंट में परेशान हो रहा था। मैं रेनू से अलग हुआ और पैंट उतार दी। मेरा लण्ड अण्डरवीयर में सीधा खड़ा था। रेनू लण्ड को देखकर मुस्कराने लगी। मैं फिर रेनू के होंटों और गर्दन पर चुम्बन करने लगा। रेनू मुझसे लिपट गई। मैंने कमर पर हाथ रखकर ब्लाऊज की डोरी खींच दी और ब्लाऊज को अलग कर दिया।
गुलाबी ब्रा में गोरी चूचियों को देखकर मुझसे रुका नहीं गया और मैंने ब्रा नीचे खींच दी, उसकी चूचियों को पकड़कर मसलने लगा।
"राज धीरे ! "
पर मैं चूचियों को मसलता रहा। वो एक हाथ में मेरा लण्ड लेकर दबाने लगी। मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा।
रेनू के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी- आ आह् सी उ राज चूसो मसलों आ ह. .
उसने खुद ही अपना नाड़ा खोलकर लहँगा और पैंटी उतार दी। फिर बैठ कर मेरी कमीज और अन्डरवीयर भी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।
मेरा लण्ड हवा में लहराने लगा।
रेनू ने लण्ड हाथ में पकड़ा और बोली- लण्ड इतना बड़ा भी होता है ?
फिर एक हाथ से लण्ड और दूसरे से अपनी चूत सहलाने लगी। मैं खड़ा हो गया और बोला- जान मुँह में लो ना।
रेनू मना करते हुए बोली- मुझे उल्टी हो जायेगी।
"चुम्मा तो लो ! "
रेनू ने लण्ड के अगले भाग होंट रख दिये और जीभ फिराने लगी। उसके होंटों के स्पर्श से लण्ड बिल्कुल तन गया। मैंने उसका सिर पकड़ा और लण्ड मुँह में डालने लगा।
रेनू की आँखो में इनकार था पर मैं नहीं माना और लण्ड मुँह में ठोक दिया। अब मैं उसके मुँह को चोदने लगा। थोड़ी देर बाद रेनू खुद लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। अब मुझसे नहीं रुका जा रहा था। मैंने रेनू को फिर चूमना और भींचना शुरु कर दिया। रेनू भी पागलों की तरह मुझे चूम रही थी।
मैं उठकर उसके पैरों के बीच बैठ गया। रेनू ने अपनी टागेँ खोल दी। क्या मस्त चूत थी, एक भी बाल नहीं और रगड़ रगड़ कर लाल हो रही थी। मुझसे बिना चूमे नहीं रुका गया। मैंने चूत की फाँकें खोली और छेद पर जीभ रखकर हिलाने लगा।
रेनू मचल उठी और मेरा सिर चूत पर कस लिया। उसके मुँह से लगातार सिसकारियाँ निकल रही थी। जाने क्या बोल रही थी- चूसो आह सी सी ई.. खा जाओ कुतिया को खा जा बहन के लौड़े मेरी चूत को … .. अह्ह्ह … जान यह बहुत परेशान करती है मुझे ! सी ई..
बोली- राज, अब नहीं रुका जा रहा, डाल दो अपना लण्ड और फाड़ दो मेरी चूत को।
मैंने रेनू को तिरछा किया और एक पैर उठा कर कन्धे पर रख लिया। रेनू की टाँगें और लड़कियों से ज्यादा खुलती थी। फिर लण्ड चूत पर फिट किया और टाँग पकड़कर एक झटका मारा। मेरा आधा लण्ड चूत फाड़ता हुआ अन्दर चला गया।
रेनू साँस रोकर चुप लेटी थी वो शायद दर्द सहन करने की कोशिश कर रही थी।
मैंने एक झटका और मारा और पूरा लण्ड चूत में ठोक दिया।
रेनू का सब्र टूट गया और वो चिल्ला पड़ी- आ अ ऊई म् माँ
मैं बोला- ज्यादा दर्द हो रहा है क्या ?
"न् नहीं ! तुम चोदो ! आ ! "
मैंने उसे सीधा लिटाकर चुम्मा लिया और चूचियों को दबाने लगा। चूचियाँ दबाते हुए धीरे धीरे धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद रेनू के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी और गाण्ड उठाकर मेरा साथ देने लगी- चोद मुझे, फाड़ दे मेरी चूत को ! फाड़ तेरे भाई की गाण्ड में तो दम नहीं, तेरी में है या नहीं है ! निकाल दे मेरी चूत की आग जो तेरे भाई ने लगाई है !
"यह ले कुतिया, चूत की क्या तेरी आग निकाल देता हूँ ! "
मैंने उसे खींचा और बेड के किनारे पर ले आया। खुद नीचे खड़ा हो गया और कन्धे पकड़कर पूरी ताकत से धक्के मारने लगा।
रेनू की हर झटके पर चीख निकल रही थी- आ अ म मरी ऊ ई
पर मेरा पूरा साथ दे रही थी। 15-20 मिनट बाद वो मेरे से लिपट गई। उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो चुप लेट गई। मैं लगातार झटके मार रहा था।
रेनू बोली- राज, अब निकाल लो, पेट में दर्द हो रहा है।
"अभी तो बड़ा उछल रही थी ? फाड़ मेरी चूत ! दम है या नहीं ? अब क्या हुआ ? "
"राज, प्लीज निकाल लो, अब नहीं सहा जा रहा।"
मैंने लण्ड चूत से निकाल लिया और उसे उल्टा लिटा लिया। अब उसके पैर नीचे थे और वो चूचियों के बल लेटी थी। मैं लण्ड उसकी गाण्ड पर फिराने लगा। शायद वो समझ नहीं पाई कि मैं क्या कर रहा हूँ। वो चुप आँखे बन्द करके लेटी थी।
मैंने लण्ड गाण्ड पर रखा और दोनों जांघें पकड़ कर धक्का मारा। लण्ड चूत के पानी से भीगा था सो एक ही झटके में 4 इन्च घुस गया।
रेनू एकदम चिल्ला उठी- आ अ फाड़ दी में मेरी ! मर गई ई ! कुत्ते निकाल बाहर !
रेनू गिड़गिड़ा उठी- राज, प्लीज़ निकाल लो इसे, बाहर वर्ना मैं मर जाऊँगी। निकाल लो राज, मेरी फट गई है प्लीज़ ! ! ! मुझे बहुत दर्द हो रहा है, राज मैं मर जाऊँगी।" मैं मर जाऊँगी।
मैंने लगातार 10-15 झटके मारे। रेनू दर्द से कराह रही थी।
मैं बोला- रेनू, मेरा निकलने वाला है, कहाँ डालूँ।
वो कुछ नहीं बोली, बस चिल्ला रही थी। मैंने उसकी गाण्ड में सारा माल भर दिया।
थोड़ी देर में लण्ड बाहर निकल गया।
हम दोनों एक दूसरे से लिपटे थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे।
मैं एक बार और रेनू प्यारी चूत के साथ मूसल मस्ती करना चाह रहा था। एक बार फिर से टाँगें उठाकर अपना मूसल रेनू की चूत में जड़ तक घुसेड़ दिया, रेनू बेड पर पड़ी कराह रही थी।
मैंने उसे खड़ा किया। पर उससे खड़ा नहीं हुआ गया और नीचे बैठ गई। उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे।
मैं रेनू के बगल में बैठ गया और आँसू पोंछने लगा।
रेनू का दर्द कुछ कम हुआ तो बोली- जानू, आज तो मार ही देते।
"जान मार देता तो मेरे लण्ड का क्या होता ? "
वो हँसने लगी और बोली- अब तो बन गई मैं तुम्हारी पूरी घरवाली ?
"हाँ बन गई ! " और मैं उसे चूमने लगा।
"जानू, तुम में और तुम्हारे भाई में कितना फर्क है ! उससे तो चूत ढंग से नहीं फाड़ी गई और तुमने गाण्ड के भी होश उड़ा दिये। वास्तव में आज आया है सुहागरात का असली मजा।"
"आया नहीं, अब आयेगा।"
रेनू हँसने लगी और मुझसे लिपट गई।
मैंने सुबह तक रेनू की चूत का चार बार बाजा बजाया, रात को उसे 3 बार पेला और सुबह नहाते हुए भी।
Suhaagraat.... !
Mere Do Taau Hain , Chhote Taau Ke Do Ladke Hain , Chhota Ladka Mujhse Char Sal Bada Hai Par Bilkul Patla Saa Aur Lambai 6 Foot । Aisa Lagta Hai Jaise Use Ek Thappad Mar Diya To Wo Sat Din Tak चारपाई Se N Uthe । Khair Un Dono Ki Shadi Ek Sath Ho Gayi । Badi bhabhi To Umra Aur Figure Se Bade Bhai Ke Liye Fit Thi Par Chhoti Chhote Se Lambai Aur Umra Dono Me Hee Kafi Chhoti Thi । Uski Lambai 5.3 Aur Umra Mujhse Bhi Kam , Choochi Aur Gaand Sharir Ke Hisab Se Mast Thi । Dikhne Me Badi bhabhi Se Sundar Aur Sexy Thi । Usko Dekhte Hee Maine Use Chodne Ki Soch Lee Aur Unki Pehli Chudai Dekhne Ka इन्तजाम Kar Liya । Jis Kamre Me Unki Suhag Raat मननी Thi , Uske Pichhe Ki Taraf Khali Jagah Thi Aur RoshanDaan Bhi Tha । Main Wahan Seedhi Lagakar Baith Gaya Aur Video Ke Liye Mobile Taiyaar Kar Liya । Bhai Kamre Me Aakar T V Dekhne Lage । Thodi Der Baad भाभियाँ bhabhi Ko Gate Tak Chhod Gayi । bhabhi Ke Hath Me Doodh Ka Glass Tha Aur Andar Aakar Khadi Ho Gayi । Unhonne प्याजी Rang Ke Lahanga - चुन्ऩी Pahne The Aur Ghunghat Kiya Hua Tha । Bhai Bole - Yahan Aa Jao , Wahan Kyon Khadi Ho ?
bhabhi Chup Khadi Rahi । Bhai ne uthkar Darwaja Band Kiya Aur bhabhi Ka Hath Pakadakar bed Ke Paas Le Aye । bhabhi ne Hath Badhakar Glass Bhai Ki Taraf Badhaya । Bhai ne Glass Lekar Mej Par Rakh Diya Aur bhabhi Ka Hath Pakadakar bed Par Kheencha । bhabhi Thoda सम्भलकर bed Par Baith Gayi । Bhai ne Unka Ghunghat Uthaya । bhabhi Ka Chehra Sharm Aur Dar Se Niche Jhuka Tha । Bhai ne Chehra Upar Kiya To Main Dekhta Hee Rah Gaya । Kya Lag Rahi Thi ! Kuch makeup Ki Laali Aur Sharm Ki Laali Unki Sundarta Aur Badha Rahi Thi । Jaisa Main Soch Raha Tha Waisa Kuch Nahi Hua । Bhai ne Thodi Der Baat Ki Aur फ़िर Choomne Lage । bhabhi Ka Sharir Kanp Raha Tha । Fir Bhai ne Apni Pant Aur अण्डरवीयर Utar Dee । Unka Lund Unke Jaisa Hee Patla Tha , Koi 4 - 5 इन्च Lamba ।
bhabhi Chehra Niche Karke Baithi Thi । Bhai ne Unko Apni Taraf Kheencha Aur Lahanga Utarne Lage । bhabhi Mana Kar Rahi Thi Par Unhonne Naada Kholkar Lahanga Utar Diya । bhabhi ne Kuch Gulabi Rang Ki पैंटी Pahni Thi Jisme Unke Mast Chootad Saaf Dikh Rahe The । Bhai ne Jaldi Hee पैंटी Bhi Utar Dee Aur bhabhi Ke Pair Apni Taraf Kar Liye । Na To Mujhe Unka Chehra Dikh Raha Tha Aur Na Hee Choot Ke Darshan Hue । bhabhi Dhire Dhire Kuch Bol Rahi Thi Par Mujhe Sunayi Nahi De Raha Tha । Bhai Pairon Ke Beech BaithKar Lund Choot Me Dalne Lage । Par Shayad Andar Nahi Dal Paa Rahe The । bhabhi कसमसा Rahi Thi । bhabhi ne Hath Choot Ki Taraf Badhaya Aur Lund Pakadakar Choot Par Laga Diya । Bhai ne Dhakka Mara To Shayad Lund Choot Me Chala Gaya । bhabhi Ke Munh Se Halki Si Cheekh Nikli । Bhai ne 5 - 6 Dhakke Aur Mare Aur bhabhi Ke Upar लुढ़क Gaye । bhabhi Gaand Hila Rahi Thi Par Bhai ChupChaap Uthe Aur Doodh P Kar So Gaye । bhabhi Baithi Aur Choot Me ungli Dal Kar हिलाने Lagi । Kuch Der Baad Shant Ho Gayi । bhabhi ne ungli Nikali Aur Dekhne Lagi । Us Par Khoon Laga Tha ।
Yah Sab Dekhkar Mera Lund Pant Faadne Ko Taiyaar Ho Gaya । Man Kar Raha Tha Ki Bhai Ko पीटूँ Aur bhabhi Ko Dhag Se चोदूँ Par Maine Seedhi Par Baith Kar Hee Muth Mar Lee Aur Veery Nikal Diya । Main Man Hee Bhai Ko Gaali De Raha Tha । Kameene ne Seal To Tod Dee Par Bechari Ki Pyas Nahi Bujhai । bhabhi Chup Baithi Kuch Soch Rahi Thi । Main Wahan Se Aakar Let Gaya Aur bhabhi Ko सोचकर Ek Baar Fir Muth mari Aur So Gaya । Doosre Din Main Unke Ghar Gaya । Dono भाभियाँ Baithi Thi , Main Unse Majak Karne Laga । Main Bola - Raat Khoob Maje Liye ? Badi bhabhi Boli - Maje Wali Raat Thi To मौज Bhi Lee Hee Jayegi । Main Bola - Thodi मौज Hamein Bhi De Do । Chhoti bhabhi Boli - Aap Bhi Shadi Kar Lo । Tumhari Bhi मौज Aa Jayegi ।
Maine Uska Hath पकड़ा Aur Bola - bhabhi , Tum Ho To Shadi Ki Kya Jarurat Hai । Tum Hee De Do । Adhi घरवाली To Tum Bhi Lagti Ho ? Wo Boli - Na Baba Na ! Mujhe Nahi Lena Dena Kuch । Badi bhabhi Khulkar Boli - रेनू Inki Baaton Par Mat Jana । Jitni Inki Umra Hai Usase Jyada Ladkiyan चोदी Hai Inhone । Main Bola - Are bhabhi , Chodna To Door Abhi Tak Darshan Bhi Nahi Kiye । bhabhi Boli - Mujhe Sab Pata Hai Tumhare Bare Me । Tumhara Kisase Chakkar Tha Aur Ab Kis Kis Se Hai । Tumhare Bhai ne Sab Bata Rakha Hai ।
"Achachha ? "
"Haan ! "
"Meri Chhodo , Tum Batao Raat Kaisi Beeti ? "
"Devariya ! Tumhare Bhai ne Raat Bhar Saans Nahi Leni Dee । Jo Bhi Hai Maja Aa Gaya । "Main Bola - Raat galati Ho Gayi ।
"Kya ? "
"Tumhari Suhag Raat देखनी Chahiye Thi , रेनू bhabhi Ki Nahi । "
Chhoti bhabhi Boli - Kya Tumne Hamein Dekha ?
"Haan ! "
"Tum Jhooth Bol Rahe Ho । "
"Achachha To Tum Hee Batao Ki Tumne Gulabi पैंटी Pahni Thi Ya Nahi ? "
"Aa A ! "bhabhi Ke Munh Se Nikla Aur Sharm Se Munh Niche Kar Liya ।
Tabhi Badi bhabhi Ko Bhai ne Bula Liya ।
"bhabhi , Aaj Din Main Bhi Saans Nahi Lene Denge । "
bhabhi Hansti Hui Chali Gayi ।
Chhoti bhabhi Boli - Raj Ji Tumne Raat Ko Sach Me Hamein Dekha ?
"To Kya Main Jhooth Bol Raha Hoon ? "
bhabhi Udaas Si Ho Gayi Aur Chup Baith Gayi ।
Main Bola - Kya Tum Naraz Ho Mere Dekhne Se ? Nahi , Devar To Sabhi Ke Aisa Karte Hain । Unki Ankhon Me Ansu Aa Gaye । Maine Unka Chehra Upar Kiya Aur Ansu पोछते Hue Bola - bhabhi , Main Tumhara Dukh Samajh Sakta Hoon । Mera Raat Hee मनकर Raha Tha Ki Tumhare Paas Aa jau Aur Tumhari ungli Ki Jagah Apna Dal Doon । bhabhi Mere कन्धे Par Sir Rakhkar Rone Lagi । Main Unka Mood Badalne Ke Liye Bola - Ab To Ban Jao Adhi घरवाली । bhabhi मुस्कुराने Lagi । Maine Unke Ansu पौंछे Aur Gaal Par Chumma Le Liya । bhabhi Sharma Gayi Aur Boli - Bahut चालाक Ho ? Tum Meri Majboori Ka Fayda Uthana Chahte Ho ।
"Nahi bhabhi ! Jab Se Tumhe Dekha Hai Tumhara दीवाना Ban Gaya Hoon । "
"Jhooth Bol Rahe Ho ? "
"Kasam Se bhabhi ! I Love U । Kya Main Tumhe Pasand Nahi Hoon ? "
"Aisi Baat Nahi Hai Pasand To Ho Par ! "
"Par Kya ? "
"Kuch Nahi । "
"bhabhi Bolo N ? Nahi To Main Mar Jaaunga । "
bhabhi ne Mere होंटों Par ungli Rakhi Aur Boli - Chup ! Aisa Nahi Bolte ।
"To Bolo - U Love Mee ? "
"Haan ! Theek Hai , Main Tumhari Adhi Nahi Puri घरवाली Banne Ko Taiyaar Hoon । "
Main Unki उगँली Munh Me Lekar choosne Laga ।
Unhonne ungli Nikali Aur Mera Hath Pakad Kar Boli - Raj Ji , Batao...
Main Beech Me Bola - Raj Ji , Nahi Sirf Raj !
"Theek Hai , Par Tum Bhi bhabhi Nahi बोलोगे Aur Mera Naam Loge. "
"Naam Nahi , Meri Jaan Ho Tum ! "
"Theek Hai Mere Janu , Yah Batao Tumhe Mujhme Kya Achachha Lagta Hai ? "
"Aisi Koi Cheej Hee Nahi Jo Achhi N Lagti Ho ! "
bhabhi Boli - Sabse Achachha Kya Lagta Hai ?
"Tumhare होंट ! "Kahakar Main Chumban Karne Laga ।
"O Ho ! Abhi Nahi ! Koi Aa Jayega ! "Aur Mujhe Alag Kar Diya ।
"Aur Batao ? "
"Aur Tumhari Ye Moti Moti Choochiyan Jinhe Dekhte Hee Mera Lund Salami Dene Lagta Hai ! "Main Choochiyan मसलते Hue Bola ।
"Tum To Bahut BeSharm Ho । Main Bol Rahi Hoon Na Ki Koi Aa Jayega । "Unki Aawaj Me Sexy अन्दाज Tha ।
Main Bola - Janu , Kya Karoo , Ruka Hee Nahi Jaa Raha ।
Mera Lund Khada Ho Gaya Tha Jo Pant Se Saaf Dikh Raha Tha ।
bhabhi Lund Par Hath Rakhte Hue Boli - Janu , Apne Isse Kaho Ki Gussa N Kare Aur Samay Ka इन्तजार Kare ।
"इन्तजार Me To Mar Jaaunga ! "
"Fir Wahi ? मरें Tumhare Dushman ! "Aur Mere होंटों Ko choom Liya ।
Fir Ham BaithKar baatein Karne Lage ।
Wo Boli - Kitni Ladkiyon Ke Sath Kiya Hai ?
"Kya Kiya Hai ? "
"Itne Shareef Mat Bano । "
"To Saaf Saaf Bolo Ki Kya Puchhna Hai । "
"Are Janu , Mera Matlab Hai Kitni Ladkiyan चोदी Hain Ab Tak ? "
"Panch ! "
"Panch ? "
"Haan ! Par Jaan , Tere Jaisi Nahi Mili । "
"Jhooth Bol Rahe Ho ! Panch Ko Chod Dala Aur Meri Jaisi Nahi Mili ? "
"Sach Bol Raha Hoon Janu ! "
"Ab To Mil Gayi ? "
"Abhi Kahan Mili Hai ? "
"Bahut Shaitaan Ho ! "Kehte Hue हँसने Lagi ।
Main Bola - Abhi Dekha Hee Kya Hai Tumne ? "
"To Dekh Lenge ! "
Tabhi Bhai Aa Gaye Aur Bole - Kya Baat Chal Rahi Hai bhabhi - Devar Me ?
Main Bola - Tumhare Bare Me Hee Chal Rahi Hai ।
"Kya ? "
bhabhi Bata Rahi Thi Ki Aapne Raat Inhe Kitna सताया ।
"Achachha ? "
"Haan ! "
"Chalo , Tum मौज Lo , Main Chalata Hoon ! "Aur Main Wahan Se Aa Gaya ।
Main Bahut Khush Tha Aur Samay Ka इन्तजार Karne Laga Ki Kab bhabhi Ki Choot Faadne Ka Mauka Milega ।
Do Din bhabhi Ke Bhai Unhe Lene Aa Gaye । Wo Chali Gayi ।
Fir Ham Unko Lene Gaye To Chhoti bhabhi Bimar Thi Isliye Ham Badi bhabhi Ko Lekar Aa Gaye ।
3 - 4 Din Baad रेनू bhabhi Ka Phone Aaya , Boli - Kaise Ho Janu ?
"Main To Theek Hoon Par Tum Kaise Bimar Ho Gayi Thi Aur Ab Kaisi Ho ? "
"Tum Door रहोगे To Bimar Hee Rahungi Na ! "
"To Paas Bula Lo ! "
"Janu Aa Jao , Bahut मनकर Raha Hai Milne Ka । "
"Milne Ka Ya Kuch Karne Ka ? "
"Chalo Tum Bhi Na ! "
"Jaan Kab Tak तड़पाओगी ? "
रेनू Kuch Soch Kar Boli - Janu , Tum Kal Aa Ghar Aa Jao ।
"Kyon ? "
"Kal Sare Ghar Wale Ganga Snan Ke Liye Jaa Rahe Hain Aur Parson Sham Tak Ayenge । "
"To Jaan , Abhi Aa Jata Hoon । "
"O Ruko ! Abhi Aa Jata Hoon ? "Aur हँसने Lagi ।
"Tum Kal Sham Ko Aana । Theek Hai ? Main Phone Rakhti Hoon । "
"Theek Hai , Love U Jaan ! "
"Love U Too Janu ! "
"बाय ! "
Ab Main Bus Us Pal Ka इन्तजार Kar Raha Tha Ki Kab रेनू Ke Paas पहूँचूं Aur Use पेलूँ ।
Main Doosre Din Taiyaar Hua Aur Gadi Lekar Nikal Gaya । Main Uske Village Se Lagbhag 15 Ki. Mee. Door Tha To रेनू Ka Phone Aaya ।
"Janu Kahan Ho ? "
"Jaan 15 - 20 Minute Me Pahunch Raha Hoon । "
"Jaldi Aa Jao Janu , Main Intezar Kar Rahi Hoon । "
"Theek Hai Jaan , Thoda Aur Intezar Karo Aur Tel Laga Kar Rakho , Main Pahunchta Hoon । "
Main Village Pahuncha To रेनू Aur अंकिता (रेनू Ke Chacha Ki Ladki , Isse Main Shadi Me Mila Tha) Ke Sath Bahar Hee Mera इन्तजार Kar Rahi Thi । Maine Gadi Rok Lee । Dono ne Sir झुकाकर Namaste Ki । रेनू Pile Rang Aur अंकिता Asmani Rang Ka Suit Salwar Pahne Thi । Dono Hee Aise Lag Rahi Jaise Asman Se Uttari Ho ।
अंकिता Ki Lambai Aur Choochiyan रेनू Se Jyada Thi Aur Chehra Lagbhag Ek Jaisa Hee ।
Tabhi Pichhe Se Aawaj I - जीजू , Kahan Kho Gaye ?
"Tumhare Khayalon Me ! "
"जीजू Sapne Baad Me Dekhna , Pehle Ghar To Chalo । "
Ham Ghar Pahunch Gaye । रेनू ne Darwaja Khola । Ham Andar Jakar सोफा Par Baith Gaye । रेनू Rasoi Me Chali Gayi । अंकिता Aur Main Baat Karne Lage । Man Kar Raha Tha Ki Sali Ko Pakad Kar Muscle डालूँ । Fir Socha Aaj रेनू Ko Chod Leta Hoon Fir Iske Bare Me सोचूँगा । Sali Kab Tak Bachegi ।
रेनू Chaay Lekar Aa Gayi । Hamne Chaay P Fir अंकिता Chali Gayi ।
रेनू Darwaja Band Karke Mere Paas Baith Gayi Aur Boli - Khane Me Kya खाओगे ।
"Tumhe ! "Aur Pakadakar Choomne Laga ।
"Are Janu , Bahut Hee BeSharm Aur Besabra Ho । Mauka Milte Hee Chipak Jate Ho । "
"Aur Kitna Sabr Karoo Jaan ? Ab Nahi Ruka Jata Aur Tum Har Baar Rok Deti Ho । "
"Thoda Aur Sabr Karo Jaan , Hamare Paas Puri Raat Hai । Pehle Tum Fresh Ho Lo , Main Khana Laga Deti Hoon । "
"Theek Hai Janu , Jaisi Apki Marji ! "Kehte Hue BathRoom Me Chala Gaya ।
Main Naha Dhokar Aaya Jab Tak रेनू ne Khana Laga Diya । रेनू Boli - Janu , Main Apne Hath Se Tumhe Khana Khilaungi ।
Main Bola - Theek Hai , Khilao ।
Fir Ham Dono ne Ek Doosre Ko Khana Khilaya । Khane Ke Baad रेनू Boli - Janu , Tum Us Kamre Me Aaram Karo । Main Naha Kar Aati Hoon ।
Main Kamre Me Jakar Baith Gaya ।
Lagbhag Ek Ghante Baad I । Usane Wahi Kapde Pahne The Jo Suhaagraat Wale Din Pahne The ।
प्याजी colour Ke Lahanga Choli Aur Hath Me Doodh Ka Glass ।
Main Use Dekhkar Samajh Gaya Ki Wo Kya Chahti Hai Aur Ab Tak Mujhe Kyon Rokti Rahi ।
Main Khada Hua Aur Darwaja Band Kar Diya । Uske Hath Se Glass Liya Aur Ek Taraf Rakh Diya । Fir Use Pairon Aur Kamar Se Pakadakar Bahon Me Uthakar bed Par Lita Diya ।
Main Uske Paas Let Gaya ।
Aaj रेनू Kitni Sundar Lag Rahi Thi । Dil Kar Raha Ki Bus Use Dekhta Rahun । Uski Pyari Masoom Si Ankhon Me Kaajal Aur Patle Se होंटों Par Gulabi Rang Ki LipStick Bahut Hee Achhi Lag Rahi Thi ।
Maine Uski Nath Aur Kanon Ke Jhumke Utar Diye । Fir Main Uske Pet Ko Sahlane Laga । Uske Chehre Par Nasha Saa Chha Raha Tha Jo Uski Sundarta Ko Aur Badha Raha Tha । Maine Apna Hath Uski Choochiyon Par Rakha Aur Dhire Dhire Dabane Laga । रेनू Ke होंट Kaanpne Lage । Main Thoda Uske Upar Jhuka Aur Uske होंटों Par होंट Rakh Diye । रेनू ne Tirchi Hokar Mera Sir पकड़ा Aur होंटों Ko choosne Lagi । Usane Ek Pair Mere Pair Ke Upar Rakh Liya Jisse Uska Lahanga Ghutne Se Upar Aa Gaya । Main Hath Lahanga Ke Andar Daalkar Chootdo Ko Bheenchne Laga Jo Ek Dum Kse The ।
Ab Mera Lund Pant Me Pareshan Ho Raha Tha । Main रेनू Se Alag Hua Aur Pant Utar Dee । Mera Lund अण्डरवीयर Me Seedha Khada Tha । रेनू Lund Ko Dekhkar मुस्कराने Lagi । Main Fir रेनू Ke होंटों Aur Gardan Par Chumban Karne Laga । रेनू Mujhse Lipat Gayi । Maine Kamar Par Hath Rakhkar blouse Ki Dori Khinch Dee Aur blouse Ko Alag Kar Diya ।
Gulabi bra Me Gori Choochiyon Ko Dekhkar Mujhse Ruka Nahi Gaya Aur Maine bra Niche Khinch Dee , Uski Choochiyon Ko Pakadakar Masalne Laga ।
"Raj Dhire ! "
Par Main Choochiyon Ko Masalta Raha । Wo Ek Hath Me Mera Lund Lekar Dabane Lagi । Main Uski Choochiyon Ko choosne Laga ।
रेनू Ke Munh Se Sisakiyaan Nikalne Lagi - Aa Aah Si Oo Raj chooso मसलों Aa H. .
Usane Khud Hee Apna Naada Kholkar Lahanga Aur पैंटी Utar Dee । Fir Baith Kar Meri Kameej Aur Underwear Bhi । Ab Ham Dono Bilkul Nange The ।
Mera Lund Hawa Me Laharane Laga ।
रेनू ne Lund Hath Me पकड़ा Aur Boli - Lund Itna Bada Bhi Hota Hai ?
Fir Ek Hath Se Lund Aur Doosre Se Apni Choot Sahlane Lagi । Main Khada Ho Gaya Aur Bola - Jaan Munh Me Lo Na ।
रेनू Mana Karte Hue Boli - Mujhe Ulti Ho Jayegi ।
"Chumma To Lo ! "
रेनू ne Lund Ke Agle Bhag होंट Rakh Diye Aur Jeebh Firane Lagi । Uske होंटों Ke Sparsh Se Lund Bilkul Tan Gaya । Maine Uska Sir पकड़ा Aur Lund Munh Me Dalne Laga ।
रेनू Ki आँखो Me Inkaar Tha Par Main Nahi Mana Aur Lund Munh Me Thok Diya । Ab Main Uske Munh Ko Chodne Laga । Thodi Der Baad रेनू Khud Lund Ko Lolipop Ki Tarah choosne Lagi ।
Mere Munh Se Siskariyan Nikalne Lagi । Ab Mujhse Nahi Ruka Jaa Raha Tha । Maine रेनू Ko Fir Choomna Aur Bheenchna Shuru Kar Diya । रेनू Bhi Pagalo Ki Tarah Mujhe choom Rahi Thi ।
Main uthkar Uske Pairon Ke Beech Baith Gaya । रेनू ne Apni टागेँ Khol Dee । Kya Mast Choot Thi , Ek Bhi Bal Nahi Aur Ragad Ragad Kar Laal Ho Rahi Thi । Mujhse Bina choome Nahi Ruka Gaya । Maine Choot Ki Faanke Kholi Aur Chhed Par Jeebh Rakhkar हिलाने Laga ।
रेनू Machal Uthi Aur Mera Sir Choot Par Kas Liya । Uske Munh Se Lagataar Siskariyan Nikal Rahi Thi । Jane Kya Bol Rahi Thi - chooso Aah! Si Si Ee.. Kha Jao Kutiya Ko Kha Jaa Bahan Ke Laude Meri Choot Ko … .. Aahhhhh … Jaan Yah Bahut Pareshan Karti Hai Mujhe ! Si Ee..
Boli - Raj , Ab Nahi Ruka Jaa Raha , Dal Do Apna Lund Aur Faad Do Meri Choot Ko ।
Maine रेनू Ko Tirchha Kiya Aur Ek Pair Utha Kar कन्धे Par Rakh Liya । रेनू Ki Tangein Aur Ladkiyon Se Jyada Khulti Thi । Fir Lund Choot Par Fit Kiya Aur Tang Pakadakar Ek Jhatka Mara । Mera Adha Lund Choot Faadta Hua Andar Chala Gaya ।
रेनू Saans Rokar Chup Leti Thi Wo Shayad Dard Sahan Karne Ki Koshish Kar Rahi Thi ।
Maine Ek Jhatka Aur Mara Aur Pura Lund Choot Me Thok Diya ।
रेनू Ka Sabr Toot Gaya Aur Wo Chilla Padi - Aa A Ooi म् Maa
Main Bola - Jyada Dard Ho Raha Hai Kya ?
"न् Nahi ! Tum Chodo ! Aa ! "
Maine Use Seedha LitaKar Chumma Liya Aur Choochiyon Ko Dabane Laga । Choochiyan Dabate Hue Dhire Dhire Dhakke Maarne Laga । Thodi Der Baad रेनू Ke Munh Se Siskariyan Nikalne Lagi Aur Gaand Uthakar Mera Sath Dene Lagi - Chod Mujhe , Faad De Meri Choot Ko ! Faad Tere Bhai Ki Gaand Me To Dum Nahi , Teri Me Hai Ya Nahi Hai ! Nikal De Meri Choot Ki Aag Jo Tere Bhai ne Lagai Hai !
"Yah Le Kutiya , Choot Ki Kya Teri Aag Nikal Deta Hoon ! "
Maine Use Kheencha Aur bed Ke Kinare Par Le Aaya । Khud Niche Khada Ho Gaya Aur कन्धे Pakadakar Puri Takat Se Dhakke Maarne Laga ।
रेनू Ki Har Jhatke Par Cheekh Nikal Rahi Thi - Aa A म Mari ऊ Ee
Par Mera Pura Sath De Rahi Thi । 15 - 20 Minute Baad Wo Mere Se Lipat Gayi । Uski Choot Se Pani Nikalne Laga Aur Wo Chup Let Gayi । Main Lagataar Jhatke Mar Raha Tha ।
रेनू Boli - Raj , Ab Nikal Lo , Pet Me Dard Ho Raha Hai ।
"Abhi To Bada Uchhal Rahi Thi ? Faad Meri Choot ! Dum Hai Ya Nahi ? Ab Kya Hua ? "
"Raj , Please Nikal Lo , Ab Nahi Sahaa Jaa Raha । "
Maine Lund Choot Se Nikal Liya Aur Use Ulta Lita Liya । Ab Uske Pair Niche The Aur Wo Choochiyon Ke Bal Leti Thi । Main Lund Uski Gaand Par Firane Laga । Shayad Wo Samajh Nahi Pai Ki Main Kya Kar Raha Hoon । Wo Chup Ankhein Band Karke Leti Thi ।
Maine Lund Gaand Par Rakha Aur Dono Janghein Pakad Kar Dhakka Mara । Lund Choot Ke Pani Se Bheega Tha So Ek Hee Jhatke Me 4 इन्च Ghus Gaya ।
रेनू Ekdum Chilla Uthi - Aa A Faad Dee Me Meri ! Mar Gayi Ee ! Kutte Nikal Bahar !
रेनू Gidgida Uthi - Raj , Please Nikal Lo Ise , Bahar Warna Main Mar jaungi । Nikal Lo Raj , Meri Fat Gayi Hai Please ! ! ! Mujhe Bahut Dard Ho Raha Hai , Raj Main Mar jaungi । "Main Mar jaungi ।
Maine Lagataar 10 - 15 Jhatke Mare । रेनू Dard Se Karaah Rahi Thi ।
Main Bola - रेनू , Mera Nikalne Wala Hai , Kahan डालूँ ।
Wo Kuch Nahi Boli , Bus Chilla Rahi Thi । Maine Uski Gaand Me Sara Mal Bhar Diya ।
Thodi Der Me Lund Bahar Nikal Gaya ।
Ham Dono Ek Doosre Se Lipte Thodi Der Aise Hee Pade Rahe ।
Main Ek Baar Aur रेनू Pyari Choot Ke Sath Moosal Masti Karna Chaah Raha Tha । Ek Baar Fir Se Tangein Uthakar Apna Moosal रेनू Ki Choot Me Jad Tak Ghused Diya , रेनू bed Par Padi Karaah Rahi Thi ।
Maine Use Khada Kiya । Par Usase Khada Nahi Hua Gaya Aur Niche Baith Gayi । Uski Ankhon Se Ansu Nikal Rahe The ।
Main रेनू Ke Bagal Me Baith Gaya Aur Ansu Ponchhne Laga ।
रेनू Ka Dard Kuch Kam Hua To Boli - Janu , Aaj To Mar Hee Dete ।
"Jaan Mar Deta To Mere Lund Ka Kya Hota ? "
Wo हँसने Lagi Aur Boli - Ab To Ban Gayi Main Tumhari Puri घरवाली ?
"Haan Ban Gayi ! "Aur Main Use Choomne Laga ।
"Janu , Tum Me Aur Tumhare Bhai Me Kitna Fark Hai ! Usase To Choot Dhag Se Nahi Faadi Gayi Aur Tumne Gaand Ke Bhi Hosh Uda Diye । Wastav Me Aaj Aaya Hai Suhaagraat Ka Asali Maja । "
"Aaya Nahi , Ab aayega । "
रेनू हँसने Lagi Aur Mujhse Lipat Gayi ।
Maine Subah Tak रेनू Ki Choot Ka Char Baar Baaja Bajaya , Raat Ko Use 3 Baar Pela Aur Subah Nahate Hue Bhi ।
Suhaagraat Kaise Manayein
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